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लिंग पुष्टि सर्जरी से पहले हार्मोनल थेरेपी कैसे की जाती है ?

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लिंग पुष्टि सर्जरी एक तरह की प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से लोगों को अपने लिंग परिवर्तन में सहायता मिलती है | लिंग पुष्टि सर्जरी में कई तरह के विकल्प शामिल होते है जैसे की चेहरे की सर्जरी, निचले हिस्से की सर्जरी, ब्रेस्ट सर्जरी आदि | इस सर्जरी के परिणाम से अधिकांश लोग काफी संतुष्टि में होते है | जिसके बाद से उनकी आकृति, किसी भी तरह के कार्य करने में और जीवन को बेहतर बनाने में गुणवत्ता प्राप्त होती है |  

वीजेएस ट्रांसजेंडर क्लिनिक के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर सी माधव किरण ने अपने यूट्यूब चैनल में पोस्ट एक वीडियो में इस  बात का जिक्र किया की लिंग पुष्टि सर्जरी के पहले कई विकल्प ऐसे भी होते है, जिन पर ध्यान देना बेहद आवश्यक होता है |  सर्जरी के पहले  कुछ मामलों में हार्मोन थेरेपी की ज़रूरत पड़ती है | इसकी प्रक्रिया और प्रतिष्ठित परिणामो के आधार पर ही हार्मोन व्यक्ति के शरीर पर बदलाव ला सकता है, जिसकी मदद से सर्जरी को काफी प्रभावी बनाया जा सकता है | लेकिन इस प्रक्रिया को करने से पहले स्वास्थ्य सेवा प्रदाता व्यक्ति के मेडिकल इतिहास के बारे में समीक्षा करेंगे, ताकि प्रदाता इस बात का सुनिक्षित कर पाए की उस व्यक्ति की शारीरक स्थिति अच्छी है और उस पर सर्जरी की प्रक्रिया की शुरुआत की जा सकती है | इस प्रक्रिया के दौरान कई तरह के परीक्षण किये जाते है , जिनमे शामिल है:- 

  • शारीरिक रूप से  सम्पूर्ण परीक्षा 
  • रक्त का परीक्षण
  • इमेजिंग का परीक्षण 

हार्मोनल थेरेपी कितने प्रकार के होते है ? 

यह दो तरह के होते है :- 

  •  मर्दाना हार्मोन थेरेपी :- इस थेरेपी का उपयोग आम-तौर पर ट्रांसजेंडर पुरुषों और नॉन-बाइनरी लोगों द्वारा शरीर में शारीरिक परिवर्तन लाने के लिए किया करते है | इस तरह के परिवर्तनो को यौन की विशेषताएं भी कहा जाता है | यह थेरेपी व्यक्ति को अपने लिंग की सही पहचान करने के साथ-साथ उसे सही ढंग से संरेखित करने में मदद भी करते है | यह थेरेपी के मासिक धर्म को रोकने का कार्य करता है और साथ ही अंडाशय में एस्ट्रोजन बनने की क्षमता को कम करने में भी सक्षम होता है | इस थेरेपी को स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अकेले या फिर सर्जरी के साथ लेने की सलाह दे सकते है | इस थेरेपी को करने के हर व्यक्ति उसका चुनाव नहीं करता, क्योंकि इससे प्रजनन की क्षमता और यौन की प्रक्रिया को काफी प्रभावित हो सकते है, साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है | 
  • स्त्रीकरण हार्मोन थेरेपी :- इस थेरेपी का इस्तेमाल खासकर ट्रांसजेंडर महिला या फिर नॉन-बाइनरी लोगों द्वारा लिंग में परिवर्तन लाने के लिए करते है | इस तरह के परिवर्तन को द्वितीयक यौन की विशेष्ताएं भी कहा जाता है | इस थेरेपी से भी व्यक्ति को अपने लिंग की सही पहचान करने के साथ-साथ उसे सही ढंग से संरेखित करने में मदद  मिलता है | इस थेरेपी में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की क्रिया को रोकने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता कुछ दवाओं की सलाह देते है, जिसमे एस्ट्रोजन हार्मोन को लेना भी शामिल होता है | एस्ट्रोजन हार्मोन के माध्यम से शरीर में बनने वाले टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की मात्रा को कम किया जाता है | यह स्त्री के द्वितीयक यौन विशेषताओं के विकास पर भी ट्रिगर करने का कार्य करता है | इस थेरेपी को भी स्वास्थ्य सेवा प्रदाता अकेले या फिर सर्जरी के साथ लेने की सलाह दे सकते है | 

इससे संबंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप वीजेएस ट्रांसजेंडर क्लिनिक नामक यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है, इस चैनल पर इस विषय संबंधित पूरी जानकारी पर वीडियो बना कर पोस्ट की हुई है | यदि आपको लिंग पुष्टि सर्जरी के बारे में और जानकारी चाहिए तो इसके लिए आप वीजेएस ट्रांसजेंडर क्लिनिक से परामर्श कर सकते है, यहाँ के डॉक्टर सी माधव किरण लिंग पुष्टि सर्जरी में एक्सपर्ट है, जिनसे आपको इस विषय में पूरी जानकारी मिल सकती है |